Little Known Facts About Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana.
डर से बचने से कई तरह की मुश्किलें आती हैं और आपकी गतिविधियों के प्रदर्शन में बाधा आती है।
बप्पा के भक्त हैं तो भारत के इन प्रसिद्ध गणेश मंदिरों के दर्शन ज़रूर करें
जब भय उत्पन्न होता है, तो थोड़ा विराम लें और वास्तविक जोखिम पर विचार करें। अपने नकारात्मक विचारों या विश्वासों का विरोध करें और कहें, "मैं मानता हूं कि कुछ कुत्ते उग्र होते हैं, लेकिन अधिकांश कुत्ते विनम्र होते हैं। इस बात की संभावना नहीं है कि मुझे काट लिया जाएगा। ”
हालांकि अपने डर को कम करना और इस पर जीत पाना एक स्किल है जिसे कोई भी सीख सकता है लेकिन समस्या यह है कि ज्यादातर लोग अपने डर को अपने अंदर बिठा लेते हैं, क्योंकि वो मानने लगते हैं कि यह उनका ही एक हिस्सा है। अगर आप अपने डर का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप इसे दूर भी नहीं कर पाएंगे और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हम जानते हैं हर चीज में समय लगता है।
दिन ब दिन आपकी घबराहट बढती ही जा रही है तो ऐसे दिन बिताने में क्या फायदा है.
डर को click here कैसे दूर करे
यदि आप हमेशा सोचते हैं तो सबसे पहला कदम सक्रत्मकता हैं
आपका डर क्या है? कभी-कभी केवल यह बताने से या कहने से ही आपको इससे निपटने की ताकत मिल सकती है। इसीलिए इसके बारे में बात करें। इसे लेकर शर्मिंदा ना हो, बल्कि अपने दोस्तों, करीबियों को इसके बारे में बताएं या फिर आप इसे लिख भी सकते हैं। एक जर्नल लें और उसमें लिखें कि आप किस चीज से डरते हैं। जब आप अपने डर को अनदेखा करने की कोशिश करते हैं, तो यह बढ़ता है। जब आप इसका सामना करते हैं, तो यह कम होता जाता है।
यदि असफलता का भय न हो तो विद्यार्थी पढ़ना छोड़ देंगे। यदि आपको बीमार होने का डर न हो, तो आप अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं करेंगे। इसलिए जीवन में थोड़े डर के होने की उपयोगिता को पहचानें।
आप गाँव में रह रहे थे तो कुछ दिन शहर चले जाइए और शहर में रह रहे थे तो कुछ दिन गाँव चले जाइए. इस तरीके से आपके आस पास का पूरा माहौल बदलेगा, आपके आस पास के लोग बदलेंगे और सबसे बड़ी बात, बदलेंगे आपके विचार.
स्कूलों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम
आप अपने आप को जैसा चाहे वैसा बनाकर जी सकते हैं. आप चाहें तो हमेशा डरे डरे रहकर जीवन जी सकते हो, या फिर बिलकुल निडर होकर बिना किसी चीज़ से डरे.
सामाजिक परिस्थितियों में frozen हो जाते हैं
कुछ अनिश्चित होने का डर, फेलियर का डर, सभी तरह के डर एक ही जगह से आते हैं – “हमारे लिमिटिग बिलिफ” जों हमें डर के आगे सोचने से रोकता हैं।